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विष्णु

विक्षनरी से

नामवाचक संज्ञा

विष्णु पु॰

  1. (हिंदू धर्म) एक भगवान

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

विष्णु संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. हिंदुओं के एक प्रधान और बहुत बड़े देवता जो सृष्टि का भरण, पोषण और पालन करनेवाले तथा ब्रह्मा के एक विशेष रूप माने जाते हैं । विशेष—भारतवर्ष में विष्णु को देवता के रूप में बहुत दिनों से मानते चले आते हैं और इनकी उपासना बहुत अधिकता से होती आई है । ऋग्वेद में विष्णु विशाल शरीरवाले और युवक माने गए हैं और कहा गया है कि ये त्रि + वि + क्रम अर्थात् तीन कदमों या डगों से सारे विश्र्व को अतिक्रमण करनेवाले हैं । पुराणों के वामन अवतार का यही बीज रूप है । कुछ लोगों ने इन तीनों डगों या कदमों का अर्थ सूर्य का दैनिक उदय और अस्त माना है और कुछ लोग इसका अर्थ भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्गलोक लेते हैं । इसके अतिरिक्त ये नियमित रूप, बहुत दूर तक और जल्दी जल्दी चलनेवाले माने गए हैं । यह भी कहा गया है कि ये इंद्र के मित्र थे और वृत्र के साथ युद्ध करने में इन्होंने इंद्र को सहायता दी थी । विष्णु और इंद्र दोनों मिलकर वातावरण , अंतरिक्ष, सूर्य, उषा और अग्नि के उत्पादक माने गए हैं और विष्णु इस पृथ्वी, स्वर्ग और सब जीवों के मुख्य आधार कहे गए हैं । ऋग्वेद और शतपथ ब्राह्मण में कुछ ऐसी कथाएँ भी हैं जो पौराणिक काल के वराह, मत्स्य तथा कूर्म अवतार का भी मूल या आरंभिक रूप मानी जा सकती हैं । वैदिक काल में विष्णु धन,वीर्य, बल देनेवाले तथा सब लोगों का अभीष्ट सिद्ध करनेवाले माने जाते थे । पुराणों के अनुसार विष्णु समय पर पृथ्वी का भार हलका करने के लिये, ससार में शांति और सुख की स्थापना करने के लिये और दुष्टों तथा पापियों का नाश करने के लिये अवतार धारण किया करते हैं । विष्णु के कुल चौबीस अवतार कहे गए हैं, जिनमें से दस मुख्य माने गए हैं (दे॰ 'अवतार') । भिन्न भिन्न पुराणों में विष्णु के संबंध में अनेक प्रकार की कथाएँ और उनकी उपासना आदि का बहुत अधिक माहात्म्य मिलता है । विष्णु के उपासक वैष्णव कहलाते हैं । इनकी स्त्री का नाम श्री या लक्ष्मी कहा गया हैं । ये युवक, श्यामवर्ण और चतुर्भुज माने गए हैं । ये चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण किए रहते है । इनके शंख का नाम पांचज य, चक्र का नाम सुदर्शन और गदा का नाम कौमोदकी है । इनकी तलवार का नाम नंदक और धनुष का नाम शार्ङ्ग है । इनका वाहन वैनतेय नामक गरुड़ माना जाता है । पुराणों में इनके एक हजार नाम माने गए हैं, और उन नामें का जप बहुत शुभ फल देनेवाला माना जाता है । नारायण, कृष्ण, वैकुंठ, दामोदर, केशव, माधव, मुरारि, अच्युत, हृषीकेश, गोविंद, पीतांबर, जनार्दन, चक्रपाणि, श्रीपति, मधुसूदन, हरि आदि इनके प्रसिद्ध नाम हैं ।

२. अग्नि ।

३. वसु देवता ।

४. बारह आदित्यों में से पहले आदित्य का नाम ।

५. एक प्राचीन ऋषि जिनका बनाया हुआ धर्मशास्त्र प्रचलित है ।

६. श्रवण नाम का नक्षत्र (को॰) ।

७. वह जो पुण्यात्मा हो । संत (को॰) ।

विष्णु (को॰) ।

११. एक एकाह कृत्य (को॰) ।

११. वर्षदेवता अथवा प्रजापति का नाम (को॰) ।

१३. हरिवंश पुराण में वर्णित दशाई के एक पुत्र का नाम (को॰) ।